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गाय का हिंदू धर्म में महत्व एवं महिमा तथा गोपालन के फायदे

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*ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्र में गौ (गाय) की महिमा (पुनः प्रेषित)* 〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️ *1👉 ज्योतिषमें गोधूलिका समय विवाहके लिये सर्वोत्तम माना गया है।*  *2👉 यदि यात्रा के प्रारम्भ में गाय सामने पड़ जाय अथवा अपने बछड़े को दूध पिलाती हुई सामने पड़ जाय तो यात्रा सफल होती है।* *3👉 जिस घर में गाय होती है, उसमें वास्तुदोष स्वतः ही समाप्त हो जाता है।* *4 👉 जन्मपत्री में यदि शुक्र अपनी नीचराशि कन्या पर हो, शुक्र की दशा चल रही हो या शुक्र अशुभ भाव (6,8,12)-में स्थित हो तो प्रात:काल के भोजन में से एक* *रोटी सफेद रंग की गाय को खिलाने से शुक्र का नीचत्व एवं शुक्र सम्बन्धी कुदोष स्वत: ही समाप्त हो जाता है।* *5👉 पितृदोष से मुक्ति👉 सूर्य, चन्द्र, मंगल या शुक्र की युति राहु से हो तो पितृदोष होता है। यह भी मान्यता है कि सूर्य का सम्बन्ध पिता से एवं मंगल का सम्बन्ध रक्त से होने के कारण सूर्य यदि शनि, राहु या केतु के साथ स्थित हो या दृष्टि सम्बन्ध हो तथा मंगल की युति राहु या केतु से हो तो पितृदोष होता है। इस दोष से जीवन संघर्षमय बन जाता है। यदि पितृदोष हो तो गाय को प्रतिदिन ...

vrat tyohar 2021

🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️ *हिन्दू व्रत, त्यौहार और तिथियाँ 2021 ई.* *फरवरी 2021* 7 फरवरी रविवार षटतिला एकादशी 9 फरवरी मंगलवार प्रदोष व्रत (कृष्ण) 10 फरवरी बुधवार मासिक शिवरात्रि 11 फरवरी गुरूवार माघ अमावस्या 12 फरवरी शुक्रवार कुंभ संक्रांति 16 फरवरी मंगलवार बसंत पंचमी, सरस्वती पूजा 23 फरवरी मंगलवार जया एकादशी 24 फरवरी बुधवार प्रदोष व्रत (शुक्ल) 27 फरवरी शनिवार माघ पूर्णिमा व्रत   *मार्च 2021*   2 मार्च मंगलवार संकष्टी चतुर्थी 9 मार्च मंगलवार विजया एकादशी 10 मार्च बुधवार प्रदोष व्रत (कृष्ण) 11 मार्च गुरूवार मासिक शिवरात्रि, महाशिवरात्रि 13 मार्च शनिवार फाल्गुन अमावस्या 14 मार्च रविवार मीन संक्रांति 25 मार्च गुरूवार आमलकी एकादशी 26 मार्च शुक्रवार प्रदोष व्रत (शुक्ल) 28 मार्च रविवार फाल्गुन पूर्णिमा, होलिका दहन 29 मार्च सोमवार होली 31 मार्च बुधवार संकष्टी चतुर्थी   *अप्रैल 2021* 7 अप्रैल बुधवार पापमोचिनी एकादशी 9 अप्रैल शुक्रवार प्रदोष व्रत (कृष्ण) 10 अप्रैल शनिवार मासिक शिवरात्रि 12 अप्रैल सोमवार चैत्र अमावस्या 13 अप्रैल मंगलवार घटस्थापना, गुढ़ी पाडवा, चैत्र...

आयुर्वेदिक उपचार१

*इन चीज़ों को भिगोकर ही खाएं*  *आस-पास भी नहीं फटकेंगीं बीमारियां*  *आयुर्वेद के अनुसार, अगर किसी चीज को रातभर भिगोकर रखा जाए और अगले दिन उसका सेवन किया जाए तो ज्यादा फायदेमंद होता है।* *जी हां,अंकुरित होने के बाद कुछ चीजों के पोषक तत्वों की अधिकता हो जाती है साथ ही इन्हें आसानी से पचाया भी जा सकता है। ताउम्र दवाइयों के सेवन से बचे रहना चाहते हैं तो*   *आज हम आपको कुछ चीजों के बारे में बताएंगे जिन्हें भिगोकर ही खाना चाहिए।* *अलसी के बीज* *खसखस* *मुनक्का* *मेथी दाना* *अंकुरीत मुंग दाल* *सौंफ* *अंजीर* *बादाम* *अलसी के बीज*  *यह ओमेगा- 3 फैटी के अलावा प्रोटीन, आयरन का भी अच्छा स्त्रोत हैं। इसको भिगोकर खाने से शरीर का बैड कोलेस्ट्रोल कम हो जाता है और दिल स्वस्थ रहता है। साथ ही इससे मेनोपॉज के दौरान होने वाली समस्या भी कम होती हैं।* *खसखस*  *थियामिन और पैंटोथेनिक एसिड से भरपूर खसखस का पूरा फायदा भी तभी मिलेगा जब आप इसे भिगोकर खाएंगे। इससे वजन कंट्रोल में रहता है और कई समस्याओं से भी बचे रहते हैं।* *मुनक्का* *यह मैग्नीशियम, पोटेशियम और आयरन का पॉवर हाउस कहा जाता ...

ayurvedic treatment

मुंह में अगर छाले हो जाएं तो जीना मुहाल हो जाता है। खाना तो दूर पानी पीना भी मुश्किल हो जाता है। लेकिन, इसका इलाज आपके आसपास ही मौजूद है। मुंह के छाले गालों के अंदर और जीभ पर होते हैं। संतुलित आहार, पेट में दिक्कत, पान- मसालों का सेवन छाले का प्रमुख कारण है। छाले होने पर बहुत तेज दर्द होता है। आइए हम आपको मुंह के छालों से बचने के लिए घरेलू उपचार बताते हैं। मुंह के छालों से बचने के घरेलू उपचार– शहद में मुलहठी का चूर्ण मिलाकर इसका लेप मुंह के छालों पर करें और लार को मुंह से बाहर टपकने दें। मुंह में छाले होने पर अडूसा के 2-3 पत्तों को चबाकर उनका रस चूसना चाहिए। छाले होने पर कत्था और मुलहठी का चूर्ण और शहद मिलाकर मुंह के छालों परलगाने चाहिए। अमलतास की फली मज्जा को धनिये के साथ पीसकर थोड़ा कत्था मिलाकर मुंह में रखिए। या केवल अमलतास के गूदे को मुंहमें रखने से मुंह के छाले दूर हो जाते हैं। अमरूद के मुलायम पत्तों में कत्था मिलाकर पान की तरह चबाने से मुंह के छाले से राहत मिलती है और छाले ठीक हो जाते ह

ayurvedic treatment

*आइये आज जानते है टान्सिल्स के लीये कुछ घरेलू टिप्स*गले के प्रवेश द्वार के दोनों तरफ मांस की गांठ सी होती है जिसे हम टॉन्सिल कहते हैं। जब इनमे सूजन आ जाती है इसे हम टॉन्सिल होना कहते हैं। ये सूजन कम या ज्यादा हो सकती है। इसमें गले में बहुत दर्द होता है। इनमें पैदा होने वाली सूजन को टॉन्सिलाइटिस कहा है। इसमें गले में बहुत दर्द होता है तथा खाने का स्वाद भी पता नहीं चलता है।चावल या ज्यादा ठन्डे पेय पदार्थों का सेवन-मैदा तथा ज्यादा खट्टी वस्तुओं का अधिक प्रयोग करना टॉन्सिल बढ़ने का मुख्य कारण है । इन सबसे अम्ल (गैस) बढ़ जाती है जिससे कब्ज़ हो जाती है। सर्दी लगने से -मौसम के अचानक बदल जाने से-जैसे गर्म से अचानक ठंडा हो जाना तथा दूषित वातावरण में रहने से भी कई बार टॉन्सिल बढ़ जाते हैं। इस रोग के होते ही ठण्ड लगने के साथ बुखार भी आ जाता है। गले पर दर्द के मारे हाथ नहीं रखा जाता और थूक निगलने में भी परेशानी होती है ।*टोन्सिल के लक्षण*कान के निचले भाग में भी दर्द रहता है। शरीर में कमजोरी लगने लगती है ।गले में खराश महसूस होना ।दर्द के कारण बुखार भी रहता है ।कंठ में तेज दर्द रहना ।*टोन्सिल ...

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*मधुलीका जैन  इंदौर 8370049093* *महत्व पूर्ण सुचना शुगर के पेसेंट के लिए* जैनम जयति शासनमः कृपया शुगर के मरीज हम से कॉन्टैक्ट करे कितना भी भारी शुगर हो,हमारी दवा केवल 7 दिन में एकबार लेना हैऔर जिनकी शुगर  275 से ज्यादा है उनको 1 महीने तक सात दिन में 2 बार लेनी है महीने के बाद फिर 7 दिन मैं 1बार लेनी है यह दवाई सम्पूर्ण जैन विधि से बनाई जाती है और जैन साधु भगवन्त भी हमारी दवा ले सकते है हमारी दवाई का कोई साइड इफेक्ट नही हैं। हमारी दवाई से शुगर के आड़ असर कम हो जाते है इससे एलोपेथी दवा बंद हो जाती है,इन्सुलिन लेना बंद हो जाता हैं कोई भी ज़ख्म हो जल्दी से अच्छे  हो जाते है । 💐जैन साधु भगवंतों  भी यह दवाई ले सकते है💐 कॉल कीजिये .ओर व्हाट्सएप नंबर . 🙏दूसरे ग्रुप मैं भेजने की कृपा करें🚩जय जिनेन्द्र *8370049093 मधुलीका जैन* इंदौर से संपर्क करे । कृपया मानव सेवा सबसे बड़ी सेवा है ओर साधर्मिक भक्ति से बड़ी कोई भक्ति नही ।🌱 आप इस पोस्ट को आगे भेजे यह भी मानव सेवा है।🚩 ------------------------------------– इस पोस्ट को कम से कम 10 लोगों को आगे फारवर्ड करे 🕉️

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निरोगी रहने हेतु महामन्त्र* *मन्त्र 1 :-* *• भोजन व पानी के सेवन प्राकृतिक नियमानुसार करें* *• ‎रिफाइन्ड नमक,रिफाइन्ड तेल,रिफाइन्ड शक्कर (चीनी) व रिफाइन्ड आटा ( मैदा ) का सेवन न करें* *• ‎विकारों को पनपने न दें (काम,क्रोध, लोभ,मोह,इर्ष्या,)* *• ‎वेगो को न रोकें ( मल,मुत्र,प्यास,जंभाई, हंसी,अश्रु,वीर्य,अपानवायु, भूख,छींक,डकार,वमन,नींद,)* *• ‎एल्मुनियम बर्तन का उपयोग न करें ( मिट्टी के सर्वोत्तम)* *• ‎मोटे अनाज व छिलके वाली दालों का अत्यद्धिक सेवन करें* *• ‎भगवान में श्रद्धा व विश्वास रखें* *मन्त्र 2 :-* *• पथ्य भोजन ही करें ( जंक फूड न खाएं)* *• ‎भोजन को पचने दें ( भोजन करते समय पानी न पीयें एक या दो घुट भोजन के बाद जरूर पिये व डेढ़ घण्टे बाद पानी जरूर पिये)* *• ‎सुबह उठेते ही 2 से 3 गिलास गुनगुने पानी का सेवन कर शौच क्रिया को जाये* *• ‎ठंडा पानी बर्फ के पानी का सेवन न करें* *• ‎पानी हमेशा बैठ कर घुट घुट कर पिये* *• ‎बार बार भोजन न करें आर्थत एक भोजन पूणतः पचने के बाद ही दूसरा भोजन करें*