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sarvshresht suvichar

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🚩 राधे राधे 🚩   सर्वश्रेष्ठ सुविचार- 1. आपका मन अगर आप अपने वश में नहीं करेंगे, तो वो आपके दुश्मन की तरह काम करना शुरू कर देगा। 2. निर्माण केवल पहले से बनी चीजो का नया रूप हैं। 3. केवल किस्मतवाला योद्धा ही स्वर्ग तक पहुँचाने वाला युद्ध लड़ता हैं। 4. इंसान अपने विश्वास की बुनियाद पर उस जैसा बनता चला जाता हैं। 5. आपके साथ अब तक जो हुआ अच्छे के लिए हुआ, आगे जो कुछ होगा अच्छे के लिए होगा, जो हो रहा हैं, वो भी अच्छे के लिए हो रहा हैं, इसलिए हमेशा वर्तमान में जीओ, भविष्य की चिंता मत करो। 6. कोशिश की जाए तो अपने अशांत मन को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता हैं। 7. इंसान नहीं उसका मन किसी का दोस्त या दुश्मन होता हैं। 8. जो किसी दुसरो पर शक करता हैं, उसे किसी भी जगह पर खुशी नहीं मिल सकती। 9. अपने जरुरी कार्य करना, बाकी गलत कार्य करने से बेहतर हैं। 10. कर्म ना करने से बेहतर हैं, कैसा भी कर्म करना। 11. आपका निराश ना होना ही परम सुख होता हैं। 12. क्रोध मुर्खता को जन्म देता हैं, अफवाह से अकल का नाश, और अकल से नाश से इंसान का नाश होता हैं। 13. किसी भी काम में आपकी योग्यता को योग कहत...

Hindu dharm ke 10 siddhant

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🚩 राधे राधे🚩 हिन्दू धर्म के 10 सिद्धांतों का रहस्य Webdunia हिंदू धर्म के पवित्र ग्रन्थों को दो भागों में बांटा गया है- श्रुति और स्मृति। श्रुति अर्थात ईश्‍वर से सुने हुए। स्मृति अर्थात सुनकर याद करने के बाद कहे गए। स्मृति ग्रन्थों में देश-कालानुसार बदलाव हो सकता है, लेकिन श्रुति में नहीं। श्रुति के अन्तर्गत चार वेद आते हैं- ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद। ब्रह्म सूत्र और उपनिषद् वेद का ही हिस्सा हैं। प्रमुख स्मृति ग्रन्थ हैं:- मनु स्मृति, रामायण, महाभारत और 18 पुराण। श्रीमद्भगवद गीता महाभारत का एक हिस्सा है। वेद ही धर्मग्रंथ है दूसरा अन्य कोई नहीं। हमने हिन्दू धर्म के प्रमुख सिंद्धांत और परंपरा को 10 मुख्‍य बिंदुओं में समेटा है। 1.ब्रह्म ही है 'सत्य'  ब्रह्म ही सत्य है। वह अजन्म, अप्रकट और निर्विकार है। ब्रह्मा, विष्णु, महेष, दुर्गा, काली, गणेश, राम और कृष्ण आदि कोई भी ईश्वर या परमेश्वर नहीं है। ब्रह्म को ही ईश्वर, परमपिता, परमात्मा, परमेश्वर और प्रणव कहा जाता है। मूलत: ईश्वर एक और केवल एक है। दूसरा कोई नहीं। उस ब्रह्म की किसी भी प्रकार की कोई मूर्ति नहीं ब...

Anmol

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🌳🦚आज की कहानी🦚🌳  💐💐मानव जीवन बड़ा अनमोल💐💐 एक दिन एक आदमी गुरु के पास गया और उनसे कहा, ‘बताइए गुरुजी, जीवन का मूल्य क्या है? गुरु ने उसे एक पत्थर दिया और कहा, ‘जा और इस पत्थर का मूल्य पता करके आ, लेकिन ध्यान रखना पत्थर को बेचना नहीं है।’ वह आदमी पत्थर को बाजार में एक संतरे वाले के पास लेकर गया और संतरे वाले को दिखाया और बोला, ‘बता इसकी कीमत क्या है?’ संतरे वाला चमकीले पत्थर को देखकर बोला, ’12 संतरे ले जा और इसे मुझे दे दे ।’ वह आदमी संतरे वाले से बोला, ‘गुरु ने कहा है, इसे बेचना नहीं है।’ और आगे वह एक सब्जी वाले के पास गया और उसे पत्थर दिखाया। सब्जी वाले ने उस चमकीले पत्थर को देखा और कहा, ‘एक बोरी आलू ले जा और इस पत्थर को मेरे पास छोड़ जा।’ उस आदमी ने कहा, ‘मुझे इसे बेचना नहीं है, मेरे गुरु ने मना किया है। आगे एक सोना बेचने वाले सुनार के पास वह गया और उसे पत्थर दिखाया। सुनार उस चमकीले पत्थर को देखकर बोला, ’50 लाख में बेच दे’। उसने मना कर दिया तो सुनार बोला, ‘2 करोड़ में दे दे या बता इसकी कीमत जो मांगेगा, वह दूंगा तुझे…।’ उस आदमी ने सुनार से कहा, ‘मेरे गुरु ने इसे...

jay shree shyam jis par kripa shyam ji ki ho

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Santosh Gupta: *.                   "जिस पर कृपा श्याम की होई"           किशोर का जन्म एक संपन्न परिवार में हुआ था। उसके पिता नगर के प्रसिद्ध सेठ थे। परिवार में कोई कमी नहीं थी। किशोर के दो बड़े भाई थे जो पिता के व्यवसाय में उनका हाथ बंटाते थे। किन्तु किशोर के लिए सब कुछ ठीक नहीं था।            किशोर जन्म से ही नेत्रहीन था इस कारण उसका सारा जीवन घर में ही व्यतीत हुआ था। उसको घर में ही सभी सुख-साधन उपलब्ध रहते थे, नेत्रहीनता के अतिरिक्त किशोर के लिए एक और कष्टकारी स्थिति थी वह यह कि उसकी माँ का निधन छोटी उम्र में ही हो गया था। यद्यपि किशोर के पिता और उसके भाई उससे अत्यधिक प्रेम करते थे और उसकी सुख-सुविधा का पूर्ण ध्यान रखते थे किन्तु व्यापार की व्यस्तता के चलते वह घर में अधिक समय नहीं दे पाते थे।            किशोर का जीवन सेवकों के सहारे ही चल रहा था। जिस कारण किशोर के मन में विरक्ति उत्पन्न होने लगी। वह ठाकुर जी के ध्यान में लीन रहने लगा। धीरे-...