ayurvedic treatment

[12/22/2020, 8:22 PM] +91 94641 94339: ☘️ *_धरती पर अमृतमय "अमृता" जानिये गिलोय को अमृता क्यो क़हा गया है और जानिये इसके असाधारण गुण_*

क्या ऐसा हो सकता है कि हम बारिश में भीगें लेकिन हमें जुकाम न हो... हम सर्दी में कैप लगाए बिना थोड़ी देर बाहर निकल जाएं तो भी हमें बुखार न हो...गर्मियों की दोपहर में अगर बाहर निकलना पड़े तो हमें लू न लगे...और कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी से भी बचे रहें...!

आयुर्वेद में मनुष्य की इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए कई जड़ी-बूटियों के बारे में बताया गया है... इनमें से सबसे असरदार गिलोय (Giloy) या अमृता (Amrita) को माना जाता है...आइए जानते हैं !!

*"गिलोय क्या है"*

गिलोय एक बेल है...ये आमतौर पर खाली मैदान, सड़क के किनारे, जंगल, पार्क, बाग-बगीचों, पेड़ों-झाड़ियों और दीवारों पर उगती है... 

गिलोय की बेल बहुत तेजी से बढ़ती है.. गिलोय के पत्ते पान की तरह बड़े आकार के, चिकने और हरे रंग के होते हैं..अगर इसे पानी युक्त जगह पर लगाया जाए तो पत्तों का आकार बड़ा हो जाता है..।

गिलोय के फूल गर्मी के मौसम में निकलते हैं... ये छोटे गुच्छों में ही निकलते और बढ़ते हैं...गिलोय के फल मटर जैसे अण्डाकार, चिकने गुच्छों में लगते हैं... पकने के बाद इनका रंग लाल हो जाता है... गिलोय के बीजों का रंग सफेद होता है.. गिलोय को आसानी से घर में भी उगाया जा सकता है..।

गिलोय की बेल जिस पेड़ पर चढ़ती है उसी के गुणों को ग्रहण कर लेती है...इसीलिए नीम के पेड़ पर लगने वाली गिलोय को ही सर्वश्रेष्ठ माना गया है.. ऐसी गिलोय को ''नीम गिलोय (Neem Giloy)'' भी कहा जाता है..।

ऐसा भी कहा जाता है कि गिलोय जिस पेड़ पर उगती है, न तो उसे मरने देती है और न ही सेवन करने वाले को, शायद इसीलिए योग और आयुर्वेद के विद्वानों ने उसे अमृता कहा है...।

*आयुर्वेद में गिलोय का क्या महत्व है?*

गिलोय की उत्पत्ति के संबंध में कहा जाता है कि, समुद्र मंथन के समय अमृत कलश छलकने से उसकी बूंदें जहां भी गिरीं, वहीं गिलोय या अमृता का पौधा निकल आया...आयुर्वेद में गिलोय को बहुत उपयोगी और गुणकारी बताया गया है..इसे अमृता, गुडुची, छिन्नरुहा, चक्रांगी, गुर्च, मधुपर्जी, जीवन्तिका कई नामों से जाना जाता है..।

भारत के प्राचीन वैद्य आचार्य चरक को भारतीय औषधि विज्ञान का पिता (Indian Father Of Medicine) भी कहा जाता है। आचार्य चरक ने अपने ग्रंथ चरक संहिता (Charak Samhita) में गिलोय के गुणों का खूब वर्णन किया है...।

*आचार्य चरक के अनुसार, गिलोय, वात दोष हरने वाली, त्रिदोष मिटाने वाली, खून को साफ करने वाली, रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ाने वाली, बुखार / ज्वर नाशक, खांसी मिटाने वाली प्राकृतिक औषधि है...।*

आयुर्वेद के अनुसार, गिलोय का उपयोग टाइफाइड, मलेरिया, कालाजार, डेंगू, एलिफेंटिएसिस / फीलपांव या हाथीपांव, विषम ज्वर, उल्टी, बेहोशी, कफ, पीलिया, धातु विकार, यकृत निष्क्रियता, तिल्ली बढ़ना, सिफलिस, एलर्जी सहित अन्य त्वचा विकार, झाइयां, झुर्रियां, कुष्ठ रोग आदि के उपचार में किया जाता है...।

इसके अलावा, डायबिटीज के रोगियों के लिए ये शरीर में नेचुरल इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ा देती है..इसे कई डॉक्टर इंडियन कुनैन (Indian Quinine) भी कहते हैं..।

गिलोय के जूस का नियमित सेवन करने से बुखार, फ्लू, डेंगू, मलेरिया, पेट में कीड़े होने की समस्या, रक्त में खराबी होना, लो ब्लड प्रेशर, हार्ट की बीमारियों, टीबी, मूत्र रोग, एलर्जी, पेट के रोग, डायबिटीज और स्किन की बीमारियों से राहत मिल सकती है। गिलोय से भूख भी बढ़ती है। गिलोय में ग्लूकोसाइड (Glucoside) , गिलोइन (Giloin), गिलोइनिन (Giloininand), गिलोस्टेराॅल तथा बर्बेरिन (Berberine) नामक एल्केलाइड पाये जाते हैं..।
[12/22/2020, 8:22 PM] +91 94641 94339: आप सभी से निवेदन है अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हो जो कैंसर से पीड़ित हो और अपना इलाज करा कर थक चुके हो तो 
*गरम नारियल पानी प्लीज*
 
TATA मेमोरियल हॉस्पिटल के डॉ. राजेन्द्र ए. बडवे ने जोर देकर कहा कि यदि *जो हर कोई इस समाचार पत्र को प्राप्त करता है, वह दस प्रतियों को दूसरों को अग्रेषित कर सकता है, तो निश्चित रूप से कम से कम एक जीवन वापस बच जाएगा ... * मैंने पहले ही अपना हिस्सा बना लिया है, आशा है कि आप भी कर सकते हैं। अपने हिस्से के साथ मदद करें। धन्यवाद!

 *गर्म नारियल पानी आपको जीवन भर कैंसर से बचा सकता है*

 *गर्म नारियल ~ केवल कैंसर कोशिकाओं को मारता है!*

 *एक कप में 2 से 3 पतले नारियल के फाक काटें, गर्म पानी डालें, यह "क्षारीय पानी" बन जाएगा, हर दिन पिएं, यह किसी के लिए भी अच्छा है।*

 *गर्म नारियल पानी एक कैंसर-रोधी पदार्थ छोड़ता है, जो चिकित्सा क्षेत्र में कैंसर के प्रभावी उपचार में नवीनतम प्रगति है।*

*गर्म नारियल के रस का अल्सर और ट्यूमर पर प्रभाव पड़ता है। सभी प्रकार के कैंसर को रोकने के लिए साबित।*

 *नारियल के अर्क के साथ इस प्रकार का उपचार केवल घातक कोशिकाओं को नष्ट करता है, यह स्वस्थ कोशिकाओं को प्रभावित नहीं करता है।*

*इसके अलावा, नारियल के रस में अमीनो एसिड और नारियल पॉलीफेनोल उच्च रक्तचाप को नियंत्रित कर सकते हैं, प्रभावी रूप से गहरी शिरा घनास्त्रता को रोक सकते हैं, रक्त परिसंचरण को समायोजित कर सकते हैं और रक्त के थक्कों को कम कर सकते हैं।*

 पढ़ने के बाद, * दूसरों को बताएं, परिवार, दोस्तों, प्यार फैलाएं! * खुद की सेहत का ख्याल रखें। 🙏🏻💖
[12/22/2020, 8:22 PM] +91 94641 94339: इस भीषण ठंड में जिनकी आयु 45 वर्ष से अधिक है, उन्हें रात में 10 बजे सोने के बाद से जब भी बिस्तर से उठे, तब आप एकदम से ना उठे। क्योँकि ठंड के कारण शरीर का ब्लड गाढ़ा हो जाता है तो वह धीरे धीरे कार्य करने के कारण पूरी तरह हार्ट में नहीं पहुँच पाता और शरीर छूट जाता है। इसी कारण से शर्दी के महीनों में 45 वर्ष से ऊपर के लोगों की ह्रदयगति रुकने से दुर्घटनाए अत्यधिक होती पाई गई हैं, इसलिए हमें सावधानी अत्यधिक बरतने की आवश्यकता है। यही सुझाव मैं भी देता हूँ।

साढ़े तीन मिनिट: मेरी सलाह!

       डॉ. विजय सिंह राजपूत 
          जनरल फिजीशियन 
      
   जिन्हें सुबह या रात में सोते समय पेशाब करने जाना पड़ता हैं उनके लिए विशेष सूचना!!

        हर एक व्यक्ति को इसी साढ़े तीन मिनिट में सावधानी बरतनी चाहिए।

यह इतना महत्व पूर्ण क्यों है?
        यही साढ़े तीन मिनिट अकस्माक होने वाली मौतों की संख्या कम कर सकते हैं।

        जब जब ऐसी घटना हुई हैं, परिणाम स्वरूप तंदुरुस्त व्यक्ति भी रात में ही मृत पाया गया हैं।

        ऐसे लोगों के बारे में हम कहते हैं, कि कल ही हमने इनसे बात की थी। ऐसा अचानक क्या हुआ? यह कैसे मर गया?

       इसका मुख्य कारण यह है कि रात मे जब भी हम मूत्र विसर्जन के लिए जाते हैं, तब अचनाक या ताबड़तोब उठते हैं, परिणाम स्वरूप मस्तिष्क तक रक्त नही पहुंचता है।

       यह साढ़े तीन मिनिट बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।

      मध्य रात्रि जब हम पेशाब करने उठते है तो हमारा ईसीजी का पैटर्न बदल सकता है। इसका कारण यह है, कि अचानक खड़े होने पर मस्तिष्क को रक्त नहीं पहुच पाता और हमारे ह्रदय की क्रिया बंद हो जाती है।

   साढ़े तीन मिनिट का प्रयास एक उत्तम उपाय है।

1. नींद से उठते समय आधा मिनिट गद्दे पर लेटे हुए रहिए।

2. अगले आधा मिनिट गद्दे पर बैठिये।

3. अगले अढाई मिनिट पैर को गद्दे के नीचे झूलते छोड़िये।

   साढ़े तीन मिनिट के बाद आपका मस्तिष्क बिना खून का नहीं रहेगा और ह्रदय की क्रिया भी बंद नहीं होगी! इससे अचानक होने वाली मौतें भी कम होंगी।

     आपके प्रियजनों को लाभ हो अतएव सजग करने हेतु अवश्य प्रसारित करे।
                 
            धन्यवाद!!
       
🙏निवेदन एवं आग्रह 🙏

अच्छा लगे तो कृपया सभी मित्र के साथ शेयर करें ।
[12/22/2020, 8:22 PM] +91 94641 94339: *सर्दियों का सबसे अच्छा आहार है बथुवा*

बथुवा अंग्रेजी में Lamb's Quarters, वैज्ञानिक नाम Chenopodium album.

बथुवा अनादि काल से खाया जाता रहा है लेकिन क्या आपको पता है कि विश्व की सबसे पुरानी महल बनाने की पुस्तक शिल्प शास्त्र में लिखा है कि *हमारे बुजुर्ग अपने घरों को हरा रंग करने के लिए प्लस्तर में बथुवा मिलाते थे* और हमारी बुढ़ियां *सिर से ढेरे व फांस (डैंड्रफ) साफ करने के लिए बथुवै के पानी से बाल धोया करती।* बथुवा गुणों की खान है और *भारत में ऐसी ऐसी जड़ी बूटियां हैं।*

बथुवै में क्या क्या है?? मतलब कौन कौन से विटामिन और मिनरल्स??

तो सुने, बथुवे में क्या नहीं है?? *बथुवा विटामिन B1, B2, B3, B5, B6, B9 और विटामिन C से भरपूर है तथा बथुवे में कैल्शियम, लोहा, मैग्नीशियम, मैगनीज, फास्फोरस, पोटाशियम, सोडियम व जिंक आदि मिनरल्स हैं। 100 ग्राम कच्चे बथुवे यानि पत्तों में 7.3 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 4.2 ग्राम प्रोटीन व 4 ग्राम पोषक रेशे होते हैं। कुल मिलाकर 43 Kcal होती है।*

जब बथुवा शीत (मट्ठा, लस्सी) या दही में मिला दिया जाता है तो *यह किसी भी मांसाहार से ज्यादा प्रोटीन वाला व किसी भी अन्य खाद्य पदार्थ से ज्यादा सुपाच्य व पौष्टिक आहार बन जाता है।*

जब हम बीमार होते हैं तो आजकल डॉक्टर सबसे पहले विटामिन की गोली ही खाने की सलाह देते हैं ना??? गर्भवती महिला को खासतौर पर विटामिन बी, सी व लोहे की गोली बताई जाती है और बथुवे में वो सबकुछ है ही, कहने का मतलब है कि *बथुवा पहलवानो से लेकर गर्भवती महिलाओं तक, बच्चों से लेकर बूढों तक, सबके लिए अमृत समान है।*

यह साग प्रतिदिन खाने से गुर्दों में पथरी नहीं होती। बथुआ आमाशय को बलवान बनाता है, गर्मी से बढ़े हुए यकृत को ठीक करता है। बथुए के साग का सही मात्रा में सेवन किया जाए तो निरोग रहने के लिए सबसे उत्तम औषधि है। *बथुवै में जिंक होता है .

बथुवा कब्ज दूर करता है और अगर *पेट साफ रहेगा तो कोइ भी बीमारी शरीर में लगेगी ही नहीं, ताकत और स्फूर्ति बनी रहेगी।*

कहने का मतलब है कि जब तक इस मौसम में बथुए का साग मिलता रहे, नित्य इसकी सब्जी खाएँ। बथुए का रस, उबाला हुआ पानी पीएँ और तो और *यह खराब लीवर को भी ठीक कर देता है।*

*पथरी हो तो ग्रीन ज्यूस में मिलाकर नित्य पिएँ तो पथरी टूटकर बाहर निकल आएगी।*

पेशाब के रोगी के लिए सर्वश्रेष्ठ।

*आप ने अपने दादा दादी से ये कहते जरूर सुना होगा कि हमने तो सारी उम्र अंग्रेजी दवा की एक गोली भी नहीं ली। उनके स्वास्थ्य व ताकत का राज यही बथुवा ही है।*

मकान को रंगने से लेकर खाने व दवाई तक बथुवा काम आता है और हाँ सिर के बाल ...... क्या करेंगे शम्पू इसके आगे।
 *बथुआ 
जीवन में कभी दवा नहीं खाना चाहते तो इस पौधे के बारे में जान लीजिये

हम लोग खाने पीने को लेकर अपने अपने स्वाद के हिसाब से चीजों में नुक्स ढूँढने लगते हैं । पर ये नहीं जानते की जिन चीजों को हम अपने स्वाद के लिए छोड़ देते हैं उनमें कई ऐसे गुण मौजूद होते हैं जो हमें बीमारियों से बचा कर रखते हैं । जैसे हरी सब्जियाँ और फल । आज हम ऐसी ही एक हरी सब्जी के बारे में बात करेंगे जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं पर उसके अंदर मौजूदा गुण हमारे शरीर के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है । तो आइये जानते हैं उस पौधे के बारे में ।

बथुआ :- बथुआ एक पौधा मात्र ही नहीं है । इसका सेवन सब्जी के रूप में किया जाता है और भी कई तरह से इसका उपयोग हमारे शरीर के लिए कई तरह से उपयोगी है । इसमें ऐसे कई औषधिय गुण होते हैं जो इसको खास बनाते हैं और इसके सेवन या उपयोग करने से हमें दवाओं का सामना करने की आवश्यकता नहीं पड़ती । आइये जानते है ये कैसे काम करता है ।

पेट से जुड़ी समस्याओं में :- बथुऐ के रस में नमक मिला कर सेवन करने से पेट के कीड़े मर जाते हैं और पेट की कई बीमारियों का निदान होता है । पेट दर्द में भी यह आराम देता है ।

सर में होने वाली रूसी ओर जूएँ :- सर में अक्सर गंदगी के कारण रूसी और जुओं के होने की समस्या देखी जाती है । इन सब से आसानी से निपट ने के लिए आपको बस बथुए और नींबू को पानी में उबाल कर उससे सर धोना है इससे इस समस्या का निदान होता है ।

यूरिन संबंधि समस्या का निवारण :- अक्सर पानी की कमी के कारण या फिर किसी और कारण से यूरिन में जलन और दर्द की शिकायत होने लगती है । बथुए में नमक जीरा और नींबू को उबाल कर उसके सेवन से इस समस्या का निवारण होता है ।

पथरी की समस्या में है लाभकरी :- बथुए के रस में चीनी मिला कर पीने से पथरी की समस्या आसानी से हल हो जाती है ।

बुखार में लाभदायक :-अगर आपको मलेरिया है या बुखार है तो बुखार का सेवन आपके लिए लाभ करी है इसको पीने से बुखार चला जाता है।

त्वचा के लिए है अच्छा : बथुए के रस के नियमित सेवन से आपको त्वचा संबंधी बीमारी या समस्या जैसे कील मुहासे , फोड़े , दाद, खाज , खुजली की समस्याओं से छुटकारा मिलता है 
मुँह संबन्धित समस्या के लिए :- अगर आपको मुँह से संबन्धित कोई भी समस्या है तो इसकी पतियों को चबाने से उसका निवारण होता है ...🕉🏠🏠🙏
[12/22/2020, 8:23 PM] +91 94641 94339: 🍃 *आरोग्यं सलाह :-*
*गले में इन्फेक्शन के आयुर्वेदिक उपचार -*

*हल्दी -* 
एंटी-आक्सीडेंट और एंटी-कैंसर के गुणों से भरपूर हल्दी में करक्यूमिन होने के कारण कई बीमारियों से लड़ने का काम करती है। गले में इन्फेक्शन को दूर करने के लिए आप हल्दी और दूध का सेवन कर सकते हैं। यह गले में खराश, ठंड और लगातार खांसी का इलाज करने के लिए जाना जाता है यह सूजन और दर्द को दूर भी कर सकता है। आयुर्वेद की दुनिया में, यह एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक के रूप में जाना जाता है। 
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[12/22/2020, 8:23 PM] +91 94641 94339: *यदि आप 50 वर्ष से अधिक हैं,तो यह हैल्थपोस्ट आपके लिए है-*
*अ-दो चीजें चैक करते रहो-*
1-अपना बी०पी०(2)अपना ब्लडशुगर लेवल।
*ब-अपने भोजन में 3 चीजें कम करें*-
1-नमक (2) चीनी (3) स्टार्च वाली वस्तुएं।
*स- अपने भोजन में 4चीजें बढ़ायें*-
1-हरी सब्जियां (2) बीन्स (3)फल(4) सूखे मेवे (प्रोटीन)।
*द-तीन बातों को भूलने की आवश्यकता*-
1-अपनी उम्र(2)अपना भूतकाल (3) अपनी इच्छाएं।
*य-आपके पास 4 चीजें होनी चाहिए, यह मायने नहीं रखता है कि आप कमजोर हैं या मजबूत-*
1-मित्र,जो आपसे वास्तविक प्यार करें (2)आपकी फिक्र(care) करने वाला परिवार(3) सकारात्मक सोच (4)घर में अपना कक्ष।
*र-5 चीजें आपके स्वास्थ्य के लिए आवश्यक-*
1-नियमित अंतराल पर व्रत(2) मुस्कराहट/हंसी (3) टहलना/व्यायाम/प्राणायाम (4)वजन में कमी(5) सामाजिक/परोपकारी कार्य।

*ल- 6 बातें आपको नहीं करनी हैं-*
1-तीव्र भूख लगने तक खाने की प्रतीक्षा।
2-तीव्र प्यास लगने तक पानी पीने की प्रतीक्षा।
3-तेज नींद न आने तक शैय्या पर जाने का इंतजार।
4-खूब थक न जाने तक आराम करने की प्रतीक्षा।
5-जब बीमार पड़ जाए ,तब मैडीकल चैक अप कराने की प्रतीक्षा।
6-जब तक समस्याओं से घिर न जाए, तब तक ईश्वर को याद करने की प्रतीक्षा।
*अपना ख्याल रखें तथा उन्हें भी फारवर्ड करें, जिनके आप शुभचिंतक हैं। यदि आप इन्हें अपनायेंगे तो यह आपके लिए बहुत लाभदायक होंगे, ऐसा मेरा मानना है।*
🙏🌹🌹🙏
[12/22/2020, 8:23 PM] +91 94641 94339: *100 जानकारी जिसका ज्ञान सबको होना चाहिए*
1.योग,भोग और रोग ये तीन अवस्थाएं है।
2. *लकवा* - सोडियम की कमी के कारण होता है ।
3. *हाई वी पी में* - स्नान व सोने से पूर्व एक गिलास जल का सेवन करें तथा स्नान करते समय थोड़ा सा नमक पानी मे डालकर स्नान करे ।
4. *लो बी पी* - सेंधा नमक डालकर पानी पीयें ।
5. *कूबड़ निकलना*- फास्फोरस की कमी ।
6. *कफ* - फास्फोरस की कमी से कफ बिगड़ता है , फास्फोरस की पूर्ति हेतु आर्सेनिक की उपस्थिति जरुरी है । गुड व शहद खाएं 
7. *दमा, अस्थमा* - सल्फर की कमी ।
8. *सिजेरियन आपरेशन* - आयरन , कैल्शियम की कमी ।
9. *सभी क्षारीय वस्तुएं दिन डूबने के बाद खायें* ।
10. *अम्लीय वस्तुएं व फल दिन डूबने से पहले खायें* ।
11. *जम्भाई*- शरीर में आक्सीजन की कमी ।
12. *जुकाम* - जो प्रातः काल जूस पीते हैं वो उस में काला नमक व अदरक डालकर पियें ।
13. *ताम्बे का पानी* - प्रातः खड़े होकर नंगे पाँव पानी ना पियें ।
14. *किडनी* - भूलकर भी खड़े होकर गिलास का पानी ना पिये ।
15. *गिलास* एक रेखीय होता है तथा इसका सर्फेसटेन्स अधिक होता है । गिलास अंग्रेजो ( पुर्तगाल) की सभ्यता से आयी है अतः लोटे का पानी पियें, लोटे का कम सर्फेसटेन्स होता है ।
16. *अस्थमा , मधुमेह , कैंसर* से गहरे रंग की वनस्पतियाँ बचाती हैं ।
17. *वास्तु* के अनुसार जिस घर में जितना खुला स्थान होगा उस घर के लोगों का दिमाग व हृदय भी उतना ही खुला होगा ।
18. *परम्परायें* वहीँ विकसित होगीं जहाँ जलवायु के अनुसार व्यवस्थायें विकसित होगीं ।
19. *पथरी* - अर्जुन की छाल से पथरी की समस्यायें ना के बराबर है । 
20. *RO* का पानी कभी ना पियें यह गुणवत्ता को स्थिर नहीं रखता । कुएँ का पानी पियें । बारिस का पानी सबसे अच्छा , पानी की सफाई के लिए *सहिजन* की फली सबसे बेहतर है ।
21. *सोकर उठते समय* हमेशा दायीं करवट से उठें या जिधर का *स्वर* चल रहा हो उधर करवट लेकर उठें ।
22. *पेट के बल सोने से* हर्निया, प्रोस्टेट, एपेंडिक्स की समस्या आती है । 
23. *भोजन* के लिए पूर्व दिशा , *पढाई* के लिए उत्तर दिशा बेहतर है ।
24. *HDL* बढ़ने से मोटापा कम होगा LDL व VLDL कम होगा ।
25. *गैस की समस्या* होने पर भोजन में अजवाइन मिलाना शुरू कर दें ।
26. *चीनी* के अन्दर सल्फर होता जो कि पटाखों में प्रयोग होता है , यह शरीर में जाने के बाद बाहर नहीं निकलता है। चीनी खाने से *पित्त* बढ़ता है । 
27. *शुक्रोज* हजम नहीं होता है *फ्रेक्टोज* हजम होता है और भगवान् की हर मीठी चीज में फ्रेक्टोज है ।
28. *वात* के असर में नींद कम आती है ।
29. *कफ* के प्रभाव में व्यक्ति प्रेम अधिक करता है ।
30. *कफ* के असर में पढाई कम होती है ।
31. *पित्त* के असर में पढाई अधिक होती है ।
33. *आँखों के रोग* - कैट्रेक्टस, मोतियाविन्द, ग्लूकोमा , आँखों का लाल होना आदि ज्यादातर रोग कफ के कारण होता है ।
34. *शाम को वात*-नाशक चीजें खानी चाहिए ।
35. *प्रातः 4 बजे जाग जाना चाहिए* ।
36. *सोते समय* रक्त दवाव सामान्य या सामान्य से कम होता है ।
37. *व्यायाम* - *वात रोगियों* के लिए मालिश के बाद व्यायाम , *पित्त वालों* को व्यायाम के बाद मालिश करनी चाहिए । *कफ के लोगों* को स्नान के बाद मालिश करनी चाहिए ।
38. *भारत की जलवायु* वात प्रकृति की है , दौड़ की बजाय सूर्य नमस्कार करना चाहिए ।
39. *जो माताएं* घरेलू कार्य करती हैं उनके लिए व्यायाम जरुरी नहीं ।
40. *निद्रा* से *पित्त* शांत होता है , मालिश से *वायु* शांति होती है , उल्टी से *कफ* शांत होता है तथा *उपवास* ( लंघन ) से बुखार शांत होता है ।
41. *भारी वस्तुयें* शरीर का रक्तदाब बढाती है , क्योंकि उनका गुरुत्व अधिक होता है ।
42. *दुनियां के महान* वैज्ञानिक का स्कूली शिक्षा का सफ़र अच्छा नहीं रहा, चाहे वह 8 वीं फेल न्यूटन हों या 9 वीं फेल आइस्टीन हों , 
43. *माँस खाने वालों* के शरीर से अम्ल-स्राव करने वाली ग्रंथियाँ प्रभावित होती हैं ।
44. *तेल हमेशा* गाढ़ा खाना चाहिएं सिर्फ लकडी वाली घाणी का , दूध हमेशा पतला पीना चाहिए ।
45. *छिलके वाली दाल-सब्जियों से कोलेस्ट्रोल हमेशा घटता है ।* 
46. *कोलेस्ट्रोल की बढ़ी* हुई स्थिति में इन्सुलिन खून में नहीं जा पाता है । ब्लड शुगर का सम्बन्ध ग्लूकोस के साथ नहीं अपितु कोलेस्ट्रोल के साथ है ।
47. *मिर्गी दौरे* में अमोनिया या चूने की गंध सूँघानी चाहिए । 
48. *सिरदर्द* में एक चुटकी नौसादर व अदरक का रस रोगी को सुंघायें ।
49. *भोजन के पहले* मीठा खाने से बाद में खट्टा खाने से शुगर नहीं होता है । 
50. *भोजन* के आधे घंटे पहले सलाद खाएं उसके बाद भोजन करें । 
51. *अवसाद* में आयरन , कैल्शियम , फास्फोरस की कमी हो जाती है । फास्फोरस गुड और अमरुद में अधिक है 
52. *पीले केले* में आयरन कम और कैल्शियम अधिक होता है । हरे केले में कैल्शियम थोडा कम लेकिन फास्फोरस ज्यादा होता है तथा लाल केले में कैल्शियम कम आयरन ज्यादा होता है । हर हरी चीज में भरपूर फास्फोरस होती है, वही हरी चीज पकने के बाद पीली हो जाती है जिसमे कैल्शियम अधिक होता है ।
53. *छोटे केले* में बड़े केले से ज्यादा कैल्शियम होता है ।
54. *रसौली* की गलाने वाली सारी दवाएँ चूने से बनती हैं ।
55. हेपेटाइट्स A से E तक के लिए चूना बेहतर है ।
56. *एंटी टिटनेस* के लिए हाईपेरियम 200 की दो-दो बूंद 10-10 मिनट पर तीन बार दे ।
57. *ऐसी चोट* जिसमे खून जम गया हो उसके लिए नैट्रमसल्फ दो-दो बूंद 10-10 मिनट पर तीन बार दें । बच्चो को एक बूंद पानी में डालकर दें । 
58. *मोटे लोगों में कैल्शियम* की कमी होती है अतः त्रिफला दें । त्रिकूट ( सोंठ+कालीमिर्च+ मघा पीपली ) भी दे सकते हैं ।
59. *अस्थमा में नारियल दें ।* नारियल फल होते हुए भी क्षारीय है ।दालचीनी + गुड + नारियल दें ।
60. *चूना* बालों को मजबूत करता है तथा आँखों की रोशनी बढाता है । 
61. *दूध* का सर्फेसटेंसेज कम होने से त्वचा का कचरा बाहर निकाल देता है ।
62. *गाय की घी सबसे अधिक पित्तनाशक फिर कफ व वायुनाशक है ।* 
63. *जिस भोजन* में सूर्य का प्रकाश व हवा का स्पर्श ना हो उसे नहीं खाना चाहिए 
64. *गौ-मूत्र अर्क आँखों में ना डालें ।*
65. *गाय के दूध* में घी मिलाकर देने से कफ की संभावना कम होती है लेकिन चीनी मिलाकर देने से कफ बढ़ता है ।
66. *मासिक के दौरान* वायु बढ़ जाता है , 3-4 दिन स्त्रियों को उल्टा सोना चाहिए इससे गर्भाशय फैलने का खतरा नहीं रहता है । दर्द की स्थति में गर्म पानी में देशी घी दो चम्मच डालकर पियें ।
67. *रात* में आलू खाने से वजन बढ़ता है ।
68. *भोजन के* बाद बज्रासन में बैठने से *वात* नियंत्रित होता है ।
69. *भोजन* के बाद कंघी करें कंघी करते समय आपके बालों में कंघी के दांत चुभने चाहिए । बाल जल्द सफ़ेद नहीं होगा ।
70. *अजवाईन* अपान वायु को बढ़ा देता है जिससे पेट की समस्यायें कम होती है 
71. *अगर पेट* में मल बंध गया है तो अदरक का रस या सोंठ का प्रयोग करें 
72. *कब्ज* होने की अवस्था में सुबह पानी पीकर कुछ देर एडियों के बल चलना चाहिए । 
73. *रास्ता चलने*, श्रम कार्य के बाद थकने पर या धातु गर्म होने पर दायीं करवट लेटना चाहिए । 
74. *जो दिन मे दायीं करवट लेता है तथा रात्रि में बायीं करवट लेता है उसे थकान व शारीरिक पीड़ा कम होती है ।* 
75. *बिना कैल्शियम* की उपस्थिति के कोई भी विटामिन व पोषक तत्व पूर्ण कार्य नहीं करते है ।
76. *स्वस्थ्य व्यक्ति* सिर्फ 5 मिनट शौच में लगाता है ।
77. *भोजन* करते समय डकार आपके भोजन को पूर्ण और हाजमे को संतुष्टि का संकेत है ।
78. *सुबह के नाश्ते* में फल , *दोपहर को दही* व *रात्रि को दूध* का सेवन करना चाहिए । 
79. *रात्रि* को कभी भी अधिक प्रोटीन वाली वस्तुयें नहीं खानी चाहिए । जैसे - दाल , पनीर , राजमा , लोबिया आदि । 
80. *शौच और भोजन* के समय मुंह बंद रखें , भोजन के समय टी वी ना देखें । 
81. *मासिक चक्र* के दौरान स्त्री को ठंडे पानी से स्नान , व आग से दूर रहना चाहिए । 
82. *जो बीमारी जितनी देर से आती है , वह उतनी देर से जाती भी है ।*
83. *जो बीमारी अंदर से आती है , उसका समाधान भी अंदर से ही होना चाहिए ।*
84. *एलोपैथी* ने एक ही चीज दी है , दर्द से राहत । आज एलोपैथी की दवाओं के कारण ही लोगों की किडनी , लीवर , आतें , हृदय ख़राब हो रहे हैं । एलोपैथी एक बिमारी खत्म करती है तो दस बिमारी देकर भी जाती है । 
85. *खाने* की वस्तु में कभी भी ऊपर से नमक नहीं डालना चाहिए , ब्लड-प्रेशर बढ़ता है । 
86 . *रंगों द्वारा* चिकित्सा करने के लिए इंद्रधनुष को समझ लें , पहले जामुनी , फिर नीला ..... अंत में लाल रंग । 
87 . *छोटे* बच्चों को सबसे अधिक सोना चाहिए , क्योंकि उनमें वह कफ प्रवृति होती है , स्त्री को भी पुरुष से अधिक विश्राम करना चाहिए 
88. *जो सूर्य निकलने* के बाद उठते हैं , उन्हें पेट की भयंकर बीमारियां होती है , क्योंकि बड़ी आँत मल को चूसने लगती है । 
89. *बिना शरीर की गंदगी* निकाले स्वास्थ्य शरीर की कल्पना निरर्थक है , मल-मूत्र से 5% , कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़ने से 22 %, तथा पसीना निकलने लगभग 70 % शरीर से विजातीय तत्व निकलते हैं । 
90. *चिंता , क्रोध , ईर्ष्या करने से गलत हार्मोन्स का निर्माण होता है जिससे कब्ज , बबासीर , अजीर्ण , अपच , रक्तचाप , थायरायड की समस्या उतपन्न होती है ।* 
91. *गर्मियों में बेल , गुलकंद , तरबूजा , खरबूजा व सर्दियों में सफ़ेद मूसली , सोंठ का प्रयोग करें ।*
92. *प्रसव* के बाद माँ का पीला दूध बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता को 10 गुना बढ़ा देता है । बच्चो को टीके लगाने की आवश्यकता नहीं होती है ।
93. *रात को सोते समय* सर्दियों में देशी मधु लगाकर सोयें त्वचा में निखार आएगा 
94. *दुनिया में कोई चीज व्यर्थ नहीं , हमें उपयोग करना आना चाहिए*।
95. *जो अपने दुखों* को दूर करके दूसरों के भी दुःखों को दूर करता है , वही मोक्ष का अधिकारी है । 
96. *सोने से* आधे घंटे पूर्व जल का सेवन करने से वायु नियंत्रित होती है , लकवा , हार्ट-अटैक का खतरा कम होता है । 
97. *स्नान से पूर्व और भोजन के बाद पेशाब जाने से रक्तचाप नियंत्रित होता है*। 
98 . *तेज धूप* में चलने के बाद , शारीरिक श्रम करने के बाद , शौच से आने के तुरंत बाद जल का सेवन निषिद्ध है 
99. *त्रिफला अमृत है* जिससे *वात, पित्त , कफ* तीनो शांत होते हैं । इसके अतिरिक्त भोजन के बाद पान व चूना ।  
100. इस विश्व की सबसे मँहगी 
 . *दवा। लार* है , 
जो प्रकृति ने तुम्हें अनमोल दी है ,इसे ना थूके ।
[12/22/2020, 8:23 PM] +91 94641 94339: 🌷 *पौष्टिक खजूर* 🌷

🔹 *132 प्रकार की बीमारियों को जड़ से उखाडनेवाला, त्रिदोषनाशक खजूर तुरंत शक्ति – स्फूर्ति देनेवाला, रक्त – मांस व वीर्य की वृद्धि करनेवाला, कब्जनाशक, कान्तिवर्धक, ह्रदय व मस्तिष्क का टॉनिक है।*
💥 *सेवन - विधि : बच्चों के लिए 2 से 4 और बड़ों के लिए 4 से 7 ।*
[12/22/2020, 8:23 PM] +91 94641 94339: तेल और देशी गाय के घी में अंतर

तेल में जिन चीजो को पकाया जाता है, तेल वैसा ही गुण प्राप्त कर लेता है। जैसे सरसो तेल में अगर चंदन लकड़ी को पकाया जाय तो सरसो तेल की गर्मी वाला गुण समाप्त हो जाता है।

देशी गाय के घी में गुण होता है कि जिन चीजो को घी में पकाते है, घी उन चीजों के गुण को ग्रहण (आत्मसात ) कर लेता है लेकिन अपना गुण नही छोड़ता।

घी का गुण है पित्त , वायु को नष्ट करना, दाह (जलन ) शांत करना, रस शुक्र तथा ओज बढ़ाना, शरीर कोमल करना तथा वर्ण (रंग ) और वाणी को निखारना
[12/22/2020, 8:23 PM] +91 94641 94339: 🌷 *पौष्टिक खजूर* 🌷

🔹 *132 प्रकार की बीमारियों को जड़ से उखाडनेवाला, त्रिदोषनाशक खजूर तुरंत शक्ति – स्फूर्ति देनेवाला, रक्त – मांस व वीर्य की वृद्धि करनेवाला, कब्जनाशक, कान्तिवर्धक, ह्रदय व मस्तिष्क का टॉनिक है।*
💥 *सेवन - विधि : बच्चों के लिए 2 से 4 और बड़ों के लिए 4 से 7 ।*
[12/22/2020, 9:04 PM] +91 94641 94339: *🌸हाई बीपी से सदा के लिए मुक्ति पाये।* 


 *जिनको हाई बीपी है, उनको अन्ग्रेजी दवाई की मुसीबत से बचाने के लिए एक सुन्दर उपाय है, सफल उपाय है । खर्च खास नही और फायदा पक्का।* 

 *🤷🏻‍♂हाई बीपी की तकलीफ हैं क्या करुँ?* 

*एक दाना किशमिश गुलाब के पानी में भिंगा दि रात को और सुबह चबा कर खा ली।* 

 *👉🏻पानी उतना ही जितना भींग जाये।* 

 *दुसरे दिन दो ,तीसरे दिन तीन, चौथे दिन चार, ऐसे 21 दाने तक चले जाओ।* 

 *हाई बीपी शान्त करने का, उसकी जडे कटने का सुन्दर उपाय है।*
🍂🍃🙏🏻

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