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आयुर्वेदिक उपचार१

*इन चीज़ों को भिगोकर ही खाएं*  *आस-पास भी नहीं फटकेंगीं बीमारियां*  *आयुर्वेद के अनुसार, अगर किसी चीज को रातभर भिगोकर रखा जाए और अगले दिन उसका सेवन किया जाए तो ज्यादा फायदेमंद होता है।* *जी हां,अंकुरित होने के बाद कुछ चीजों के पोषक तत्वों की अधिकता हो जाती है साथ ही इन्हें आसानी से पचाया भी जा सकता है। ताउम्र दवाइयों के सेवन से बचे रहना चाहते हैं तो*   *आज हम आपको कुछ चीजों के बारे में बताएंगे जिन्हें भिगोकर ही खाना चाहिए।* *अलसी के बीज* *खसखस* *मुनक्का* *मेथी दाना* *अंकुरीत मुंग दाल* *सौंफ* *अंजीर* *बादाम* *अलसी के बीज*  *यह ओमेगा- 3 फैटी के अलावा प्रोटीन, आयरन का भी अच्छा स्त्रोत हैं। इसको भिगोकर खाने से शरीर का बैड कोलेस्ट्रोल कम हो जाता है और दिल स्वस्थ रहता है। साथ ही इससे मेनोपॉज के दौरान होने वाली समस्या भी कम होती हैं।* *खसखस*  *थियामिन और पैंटोथेनिक एसिड से भरपूर खसखस का पूरा फायदा भी तभी मिलेगा जब आप इसे भिगोकर खाएंगे। इससे वजन कंट्रोल में रहता है और कई समस्याओं से भी बचे रहते हैं।* *मुनक्का* *यह मैग्नीशियम, पोटेशियम और आयरन का पॉवर हाउस कहा जाता ...

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मुंह में अगर छाले हो जाएं तो जीना मुहाल हो जाता है। खाना तो दूर पानी पीना भी मुश्किल हो जाता है। लेकिन, इसका इलाज आपके आसपास ही मौजूद है। मुंह के छाले गालों के अंदर और जीभ पर होते हैं। संतुलित आहार, पेट में दिक्कत, पान- मसालों का सेवन छाले का प्रमुख कारण है। छाले होने पर बहुत तेज दर्द होता है। आइए हम आपको मुंह के छालों से बचने के लिए घरेलू उपचार बताते हैं। मुंह के छालों से बचने के घरेलू उपचार– शहद में मुलहठी का चूर्ण मिलाकर इसका लेप मुंह के छालों पर करें और लार को मुंह से बाहर टपकने दें। मुंह में छाले होने पर अडूसा के 2-3 पत्तों को चबाकर उनका रस चूसना चाहिए। छाले होने पर कत्था और मुलहठी का चूर्ण और शहद मिलाकर मुंह के छालों परलगाने चाहिए। अमलतास की फली मज्जा को धनिये के साथ पीसकर थोड़ा कत्था मिलाकर मुंह में रखिए। या केवल अमलतास के गूदे को मुंहमें रखने से मुंह के छाले दूर हो जाते हैं। अमरूद के मुलायम पत्तों में कत्था मिलाकर पान की तरह चबाने से मुंह के छाले से राहत मिलती है और छाले ठीक हो जाते ह

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*आइये आज जानते है टान्सिल्स के लीये कुछ घरेलू टिप्स*गले के प्रवेश द्वार के दोनों तरफ मांस की गांठ सी होती है जिसे हम टॉन्सिल कहते हैं। जब इनमे सूजन आ जाती है इसे हम टॉन्सिल होना कहते हैं। ये सूजन कम या ज्यादा हो सकती है। इसमें गले में बहुत दर्द होता है। इनमें पैदा होने वाली सूजन को टॉन्सिलाइटिस कहा है। इसमें गले में बहुत दर्द होता है तथा खाने का स्वाद भी पता नहीं चलता है।चावल या ज्यादा ठन्डे पेय पदार्थों का सेवन-मैदा तथा ज्यादा खट्टी वस्तुओं का अधिक प्रयोग करना टॉन्सिल बढ़ने का मुख्य कारण है । इन सबसे अम्ल (गैस) बढ़ जाती है जिससे कब्ज़ हो जाती है। सर्दी लगने से -मौसम के अचानक बदल जाने से-जैसे गर्म से अचानक ठंडा हो जाना तथा दूषित वातावरण में रहने से भी कई बार टॉन्सिल बढ़ जाते हैं। इस रोग के होते ही ठण्ड लगने के साथ बुखार भी आ जाता है। गले पर दर्द के मारे हाथ नहीं रखा जाता और थूक निगलने में भी परेशानी होती है ।*टोन्सिल के लक्षण*कान के निचले भाग में भी दर्द रहता है। शरीर में कमजोरी लगने लगती है ।गले में खराश महसूस होना ।दर्द के कारण बुखार भी रहता है ।कंठ में तेज दर्द रहना ।*टोन्सिल ...

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*मधुलीका जैन  इंदौर 8370049093* *महत्व पूर्ण सुचना शुगर के पेसेंट के लिए* जैनम जयति शासनमः कृपया शुगर के मरीज हम से कॉन्टैक्ट करे कितना भी भारी शुगर हो,हमारी दवा केवल 7 दिन में एकबार लेना हैऔर जिनकी शुगर  275 से ज्यादा है उनको 1 महीने तक सात दिन में 2 बार लेनी है महीने के बाद फिर 7 दिन मैं 1बार लेनी है यह दवाई सम्पूर्ण जैन विधि से बनाई जाती है और जैन साधु भगवन्त भी हमारी दवा ले सकते है हमारी दवाई का कोई साइड इफेक्ट नही हैं। हमारी दवाई से शुगर के आड़ असर कम हो जाते है इससे एलोपेथी दवा बंद हो जाती है,इन्सुलिन लेना बंद हो जाता हैं कोई भी ज़ख्म हो जल्दी से अच्छे  हो जाते है । 💐जैन साधु भगवंतों  भी यह दवाई ले सकते है💐 कॉल कीजिये .ओर व्हाट्सएप नंबर . 🙏दूसरे ग्रुप मैं भेजने की कृपा करें🚩जय जिनेन्द्र *8370049093 मधुलीका जैन* इंदौर से संपर्क करे । कृपया मानव सेवा सबसे बड़ी सेवा है ओर साधर्मिक भक्ति से बड़ी कोई भक्ति नही ।🌱 आप इस पोस्ट को आगे भेजे यह भी मानव सेवा है।🚩 ------------------------------------– इस पोस्ट को कम से कम 10 लोगों को आगे फारवर्ड करे 🕉️

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निरोगी रहने हेतु महामन्त्र* *मन्त्र 1 :-* *• भोजन व पानी के सेवन प्राकृतिक नियमानुसार करें* *• ‎रिफाइन्ड नमक,रिफाइन्ड तेल,रिफाइन्ड शक्कर (चीनी) व रिफाइन्ड आटा ( मैदा ) का सेवन न करें* *• ‎विकारों को पनपने न दें (काम,क्रोध, लोभ,मोह,इर्ष्या,)* *• ‎वेगो को न रोकें ( मल,मुत्र,प्यास,जंभाई, हंसी,अश्रु,वीर्य,अपानवायु, भूख,छींक,डकार,वमन,नींद,)* *• ‎एल्मुनियम बर्तन का उपयोग न करें ( मिट्टी के सर्वोत्तम)* *• ‎मोटे अनाज व छिलके वाली दालों का अत्यद्धिक सेवन करें* *• ‎भगवान में श्रद्धा व विश्वास रखें* *मन्त्र 2 :-* *• पथ्य भोजन ही करें ( जंक फूड न खाएं)* *• ‎भोजन को पचने दें ( भोजन करते समय पानी न पीयें एक या दो घुट भोजन के बाद जरूर पिये व डेढ़ घण्टे बाद पानी जरूर पिये)* *• ‎सुबह उठेते ही 2 से 3 गिलास गुनगुने पानी का सेवन कर शौच क्रिया को जाये* *• ‎ठंडा पानी बर्फ के पानी का सेवन न करें* *• ‎पानी हमेशा बैठ कर घुट घुट कर पिये* *• ‎बार बार भोजन न करें आर्थत एक भोजन पूणतः पचने के बाद ही दूसरा भोजन करें*

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यदि आपका ब्लड प्रेशर लो रहता है, तो दिन में दो-तीन बार पांच दाने कालीमिर्च के साथ 21 दाने किशमिश का सेवन करे। * जुकाम होने पर कालीमिर्च के चार-पांच दाने पीसकर एक टी-कप दूध में पकाकर सुबह-शाम लेने से लाभ मिलता है। * एक चम्मच शहद में 2-3 बारीक कुटी हुई कालीमिर्च और एक चुटकी हल्दी पावडर मिलाकर लेने से कफ में राहत मिलती है। * इससे शरीर की थकावट दूर होती है। कालीमिर्च से गले की खराश दूर होती है। * इससे रक्त संचार सुधरता है।यह दिमाग के लिए फायदेमंद होती है। गैस के कारण पेट फूलने पर कालीमिर्च असरदार होती है। इससे गैस दूर होती है। कालीमिर्च की चाय पीने से सर्दी- ज़ुकाम, खाँसी और वायरल इंफेक्शन में राहत मिलती है। कालीमिर्च पाचनक्रिया में सहायक होती है। ** कालीमिर्च सभी प्रकार के संक्रमण में लाभ देती है।

parampara

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जब किसी की मृत्यु होती थी तब भी 13 दिन तक उस घर में कोई प्रवेश नहीं करता था। यही Isolation period था। क्योंकि मृत्यु या तो किसी बीमारी से होती है या वृद्धावस्था के कारण जिसमें शरीर तमाम रोगों का घर होता है। यह रोग हर जगह न फैले इसलिए 14 दिन का quarantine period बनाया गया। जो शव को अग्नि देता था उसको घर वाले तक नहीं छू सकते थे 13 दिन तक। उसका खाना पीना, भोजन, बिस्तर, कपड़े सब अलग कर दिए जाते थे। तेरहवें दिन शुद्धिकरण के पश्चात, सिर के बाल हटवाकर ही पूरा परिवार शुद्ध होता था ।तब भी आप बहुत हँसे थे। bloody indians कहकर मजाक बनाया था।  जब किसी रजस्वला स्त्री को 4 दिन isolation में रखा जाता है ताकि वह भी बीमारियों से बची रहें और आप भी बचे रहें तब भी कुछ लोग पानी पी पी कर गालियाँ दी।  जब मां बच्चे को जन्म देती है तो जन्म के 11 दिन तक बच्चे व माँ को कोई नही छूता था ताकि जच्चा और बच्चा किसी इंफेक्शन के शिकार ना हों और वह सुरक्षित रहे लेकिन इस परम्परा को पुराने रीति रिवाज, ढकोसला  कह कर त्याग दिया गया।  जब किसी के शव यात्रा से लोग आते हैं घर में प्रवेश नहीं मिलता है और बाहर ही...

ब्राह्मण वंशावली

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ब्राह्मण वंशावली (गोत्र प्रवर परिचय) 🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸 सरयूपारीण ब्राह्मण या सरवरिया ब्राह्मण या सरयूपारी ब्राह्मण सरयू नदी के पूर्वी तरफ बसे हुए ब्राह्मणों को कहा जाता है। यह कान्यकुब्ज ब्राह्मणो कि शाखा है। श्रीराम ने लंका विजय के बाद कान्यकुब्ज ब्राह्मणों से यज्ञ करवाकर उन्हे सरयु पार स्थापित किया था। सरयु नदी को सरवार भी कहते थे। ईसी से ये ब्राह्मण सरयुपारी ब्राह्मण कहलाते हैं। सरयुपारी ब्राह्मण पूर्वी उत्तरप्रदेश, उत्तरी मध्यप्रदेश, बिहार छत्तीसगढ़ और झारखण्ड में भी होते हैं। मुख्य सरवार क्षेत्र पश्चिम मे उत्तर प्रदेश राज्य के अयोध्या शहर से लेकर पुर्व मे बिहार के छपरा तक तथा उत्तर मे सौनौली से लेकर दक्षिण मे मध्यप्रदेश के रींवा शहर तक है। काशी, प्रयाग, रीवा, बस्ती, गोरखपुर, अयोध्या, छपरा इत्यादि नगर सरवार भूखण्ड में हैं। एक अन्य मत के अनुसार श्री राम ने कान्यकुब्जो को सरयु पार नहीं बसाया था बल्कि रावण जो की ब्राह्मण थे उनकी हत्या करने पर ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्त होने के लिए जब श्री राम ने भोजन ओर दान के लिए ब्राह्मणों को आमंत्रित किया तो जो ब्राह्मण स्नान करने के बहाने स...

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[12/22/2020, 8:22 PM] +91 94641 94339: ☘️ *_धरती पर अमृतमय "अमृता" जानिये गिलोय को अमृता क्यो क़हा गया है और जानिये इसके असाधारण गुण_* क्या ऐसा हो सकता है कि हम बारिश में भीगें लेकिन हमें जुकाम न हो... हम सर्दी में कैप लगाए बिना थोड़ी देर बाहर निकल जाएं तो भी हमें बुखार न हो...गर्मियों की दोपहर में अगर बाहर निकलना पड़े तो हमें लू न लगे...और कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी से भी बचे रहें...! आयुर्वेद में मनुष्य की इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए कई जड़ी-बूटियों के बारे में बताया गया है... इनमें से सबसे असरदार गिलोय (Giloy) या अमृता (Amrita) को माना जाता है...आइए जानते हैं !! *"गिलोय क्या है"* गिलोय एक बेल है...ये आमतौर पर खाली मैदान, सड़क के किनारे, जंगल, पार्क, बाग-बगीचों, पेड़ों-झाड़ियों और दीवारों पर उगती है...  गिलोय की बेल बहुत तेजी से बढ़ती है.. गिलोय के पत्ते पान की तरह बड़े आकार के, चिकने और हरे रंग के होते हैं..अगर इसे पानी युक्त जगह पर लगाया जाए तो पत्तों का आकार बड़ा हो जाता है..। गिलोय के फूल गर्मी के मौसम में निकलते हैं... ये छोटे गुच्छों में ही निकलते और ब...

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[12/28/2020, 12:04 PM] +91 94641 94339: *दिल (hart)की बीमारी* 〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️ दोस्तो अमेरिका की बड़ी बड़ी कंपनिया जो दवाइया भारत मे बेच रही है, वो अमेरिका मे 20 20 साल से बंद है ! आपको जो अमेरिका की सबसे खतरनाक दवा दी जा रही है ! वो आज कल दिल के रोगी (heart patient) को सबसे ज्यादा दी जा रही है !! भगवान न करे कि आपको कभी जिंदगी मे heart attack आए !- लेकिन अगर आ गया तो आप जाएँगे डाक्टर के पास !- और आपको मालूम ही है एक angioplasty आपरेशन आपका होता है ! angioplasty आपरेशन मे डाक्टर दिल की नली मे एक spring डालते हैं ! उसको stent कहते हैं ! और ये stent अमेरिका से आता है और इसका cost of production सिर्फ 3 डालर (180 रूपया) का है ! और यहाँ लाकर वो 3 से 5 लाख रुपए मे बेचते है और ऐसे लूटते हैं आपको !- और एक बार attack मे एक stent डालेंगे ! दूसरी बार दूसरा डालेंगे ! डाक्टर को commission है इसलिए वे बार बार कहता हैं angioplasty करवाओ angioplasty करवाओ !! इस लिए कभी मत करवाए !- तो फिर आप बोलेंगे हम क्या करे ????!- आप इसका आयुर्वेदिक इलाज करे बहुत बहुत ही सरल है ! पहले आप एक बात जान ली जिये ! angiop...